पाक बॉर्डर से सटे 5 एयरबेस हाईरिस्क जोन में, अब पठानकोट की तरह यहां मल्टी लेयर्ड सिक्युरिटी सिस्टम लगेगा

पठानकोट हमले के बाद से देश में चिह्नित किए गए थे 23 हाईरिस्क एयरबेस


भारत इलेक्ट्रोनिक लि. (बीईएल) ने पठानकोट में पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह सिस्टम तैयार किया है





जोधपुर (डीडी वैष्णव). पठानकोट आतंकी हमले के बाद वायुसेना अपने एयरबेस सुरक्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसी कड़ी में राजस्थान में पाक बॉर्डर से सटे 5 एयरबेस को हाईरिस्क जोन में डाला गया है। अब उत्तरलाई, जैसलमेर, नाल, सूरतगढ़ के फॉरवर्ड तथा जोधपुर के प्रीमियर व बैकअप एयरबेस की सुरक्षा पठानकोट एयरबेस की तरह अद्येद होगी। यहां इंटिग्रेटेड परिमीटर सिक्युरिटी सिस्टम (आईपीएसएस) लगेगा। यानि चप्पे-चप्पे पर मल्टी लेयर्ड सिक्युरिटी होगी। भारत इलेक्ट्रोनिक लि. (बीईएल) ने पठानकोट में पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह सिस्टम तैयार किया है। दिसंबर तक यह ऑपरेशनल हो जाएगा। इसके बाद इसे देश के 23 एयरबेस पर शुरू किया जाएगा।


आईपीएसएस : लाइव वीडियो फीड से तुरंत ले सकेंगे एक्शन


एयरबेस काफी बड़े क्षेत्र में फैला होता है। इसलिए हर जगह कमांडों तैनात कर नजर रखना संभव नहीं। आईपीएसएस से एयरबेस के चप्पे-चप्पे को सर्विलांस पर रखा जा सकेगा। 24 घंटे निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, इको ऑपटिक, मोशन डिटेक्टर सेंसर व थर्मल कैमरा लगेंगे। मल्टी सेंसर व मल्टी लेयर्ड सिस्टम वाली इस सुरक्षा में लाइव वीडियो फीड से तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा। पठानकोट हमले के बाद देश में 23 एयरबेस हाईरिस्क श्रेणी में चिह्नित किए गए थे। अब प्रत्येक एयरबेस पर 150 करोड़ रु. तक खर्च कर आईपीएसएस लगेगा। 
 


सूरतगढ़ को निशाना बनाना चाहा था
पठानकोट हमले से पहले 2015 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सूरतगढ़ एयरबेस पर दो बार हमले की कोशिश की थी। विफल होने पर पठानकोट को निशाना बनाया। संवेदनशील होने के कारण इन एयरबेस पर गरुड़ कमांडो तैनात रहते हैं।


जोधपुर एयरबेस पर भी हमले की आशंका
जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर गत 30 जुलाई को एयरोड्रम एनवारमेंट कमेटी की सालाना बैठक में सुरक्षा का मुद्दा उठा था। एयरबेस से निकलने वाले गंदे पानी का नाला आधा ही कवर है। खुले भाग में किसानों ने आड़े पाइप डाल रखे हैं। ये पाइप एयरबेस के अंदर तक पहुंच गए हैं। इससे भी खतरे की आशंका है।